Republic day speeches in Hindi | 26 January speech in Hindi

Republic day speeches in Hindi | 26 January speech in Hindi. School ke vidhyarthiyon ke liye Independence Day Speech Hindi me.

गणतंत्र दिवस प्रत्येक भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और संप्रभुता की नींव का प्रतीक है। इस वर्ष, जैसा कि हम अपने संविधान के जन्म का जश्न मनाने और विविधता में एकता की भावना का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, एक गणतंत्र राष्ट्र होने के सार पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

गणतंत्र दिवस पर इस हिंदी भाषण के माध्यम से, आइए हम अपने संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने और अपनी सांस्कृतिक विरासत को गर्व और श्रद्धा के साथ अपनाने के महत्व को गहराई से समझें। आइए हम अपने पिछले संघर्षों का सम्मान करने, अपनी वर्तमान उपलब्धियों को संजोने और आशा, प्रगति और समावेशिता से भरे भविष्य की कल्पना करने के लिए एक साथ इस यात्रा पर निकलें।

Republic day speeches in Hindi | 26 January speech in Hindi

Republic day speeches in Hindi : बाल मजदूरी

आदर्निये शिक्षकगण, उपस्थित अभिभावक और मेरे साथियों मैं आप लोगों के सामने के बारे बाल मजदूरी के बारे में कुछ कहने जारहा हूँ। 5 से 14 साल तक के बच्चों का अपने बचपन से ही नियमित काम करना बाल मजदूरी कहलाता है।

विकासशील देशों मे बच्चे जीवन जीने के लिये बेहद कम पैसों पर अपनी इच्छा के विरुद्ध जाकर पूरे दिन कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर है। वो स्कूल जाना चाहते है, अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहते है और दूसरे अमीर बच्चों की तरह अपने माता-पिता का प्यार और परवरिश पाना चाहते है लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें अपनी हर इच्छाओं का गला घोंटना पड़ता है।

अपने देश के लिये सबसे जरुरी संपत्ति के रुप में बच्चों को संरक्षित किया जाता है जबकि इनके माता-पिता की गलत समझ और गरीबी की वजह से बच्चे देश की शक्ति बनने के बजाए देश की कमजोरी का कारण बन रहे है। बच्चों के कल्याण के लिये कल्याकारी समाज और सरकार की ओर से बहुत सारे जागरुकता अभियान चलाने के बावजूद गरीबी रेखा से नीचे के ज्यादातर बच्चे रोज बाल मजदूरी करने के लिये मजबूर होते है।

बाल मजदूरी एक वैशविक समस्या है जो विकासशील देशों में बेहद आम है। माता-पिता या गरीबी रेखा से नीचे के लोग अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर पाते है और जीवन-यापन के लिये भी जरुरी पैसा भी नहीं कमा पाते है। इसी वजह से वो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाए कठिन श्रम में शामिल कर लेते है।

वो मानते है कि बच्चों को स्कूल भेजना समय की बरबादी है और कम उम्र में पैसा कमाना परिवार के लिये अच्छा होता है। बाल मजदूरी के बुरे प्रभावों से गरीब के साथ-साथ अमीर लोगों को भी तुरंत अवगत कराने की जरुरत है।

उन्हें हर तरह की संसाधनों की उपलब्ता करानी चाहिये जिसकी उन्हें कमी है। अमीरों को गरीबों की मदद करनी चाहिए जिससे उनके बच्चे सभी जरुरी चीजें अपने बचपन में पा सके। इसको जड़ से मिटाने के लिये सरकार को कड़े नियम-कानून बनाने चाहिए।

जय हिन्द जय भारत।

 

Republic day speech in Hindi : भारत का राष्ट्रीय ध्वज

आदर्निये शिक्षकगण, उपस्थित अभिभावक और मेरे साथियों मैं आप लोगों के सामने के बारे ‘भारत का राष्ट्रीय ध्वज’ के बारे में कुछ कहने जारहा हूँ। ‘भारत का राष्ट्रीय ध्वज’ तिरंगा है। इसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफ़ेद व सबसे नीचे हरा रंग है। सभी रंग बराबर अनुपात में हैं। सफ़ेद रंग की पट्टी पर झंडे के मध्य में नीले रंग का चक्र है जिसमें 24 तीलियाँ हैं।

केसरिया रंग देश की ताकत एवं साहस का परिचायक है। बीच में सफ़ेद रंग की पट्टी शांति एवं सत्यता को दर्शाती है। हरे रंग की पट्टी धरती की उर्वरता, विकास एवं पवित्रता की परिचायक है। चक्र इस बात को दर्शित करता है कि जीवन गतिमान है जबकि मृत्यु निश्चलता का नाम है। झंडे की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। चक्र का व्यास सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के वर्तमान रूप को भारत की संविधानकारी सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को अंगीकृत किया गया था।

जय हिन्द जय भारत

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